Thursday, September 7, 2017

पहले खुद से प्यार करो

अगर चाहिए प्यार तुझे तो, पहले खुद से प्यार करो|
खुद की इज्जत खुद से करके, जीवन का श्रृंगार करो||

जितनी देर खुलीं हैं आँखें, तेरी दुनिया उतनी है|
लेकिन इस दुनिया की सीमा, माँ की ममता जितनी है|
और खोल तू मन की आँखें, चिन्तन का विस्तार करो|
पहले खुद से प्यार करो| जीवन का श्रृंगार करो||

अगर बुराई है लोगों में, साथ उसी के अच्छाई|
अपनी रोज बुुराई खोजो और दूजे की सच्चाई|
मानवता ही एक धरम है, मानव सा व्यवहार करो|
पहले खुद से प्यार करो| जीवन का श्रृंगार करो||

जरा सोचना अपनी साँसों पर तेरा है वश कितना?
काम करो अपना मत सोचो यश कितना अपयश कितना?
जबतक खुशबू, सुमन का जीवन, खुशबू अंगीकार करो
पहले खुद से प्यार करो| जीवन का श्रृंगार करो||

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